शताब्दी में कैटरिंग शुल्क कम किए बिना घटाई पानी की मात्रा, यात्रियों में नाराजगी

 


शताब्दी में कैटरिंग शुल्क कम किए बिना घटाई पानी की मात्रा, यात्रियों में नाराजगी



शताब्दी एक्सप्रेस में कैटरिंग शुल्क में कमी किए बिना ही पानी की मात्रा घटा दी गई है। पहले यात्रियों को एक लीटर पानी दिया जाता था, वहीं अब सिर्फ आधा लीटर पानी ही मिल रहा है। इससे यात्रियों में नाराजी है और मामला रेलवे बोर्ड के अधिकारियों तक पहुंच गया है। दरअसल, रेलवे बोर्ड के निर्देश पर आईआरसीटीसी ने इसकी शुरुआत की है।
 

नई पॉलिसी के तहत पानी की बर्बादी रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। बता दें कैटरिंग चार्ज में पानी से लेकर खाने तक कि सभी सुविधाएं जुड़ी होती हैं। शताब्दी में एसी चेयरकार के लिए 165 रुपये और एग्जीक्यूटिव व अनुभूति कोच में 185 रुपये कैटरिंग चार्ज लिया जाता है। इसमें यात्रियों को एक लीटर पानी दिया जाता था।

अब रेलवे ने पानी की मात्रा घटाकर आधा लीटर कर दी है, जबकि कैटरिंग चार्ज में कोई कमी नहीं की है। मसलन 15 रुपये की एक लीटर पानी की बोतल में यात्रियों को अब 500 मिली पानी ही मिलेगा। इससे ज्यादा पानी लेने के लिए अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा। यानी पहले जो एक लीटर पानी 15 रुपये का पड़ता था।


राजधानी व तेजस में एक लीटर पानी



प्रतीकात्मक तस्वीर



वह अब 25 रुपये का पड़ेगा। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड ने प्रयोग के तौर पर इसे शुरू किया है। यह व्यवस्था तीन महीने तक रहेगी। यात्रियों की सुविधा और असुविधा को समझते हुए इसे आगे बढ़ाया जाएगा। फिलहाल तीन महीने तक रेलवे करीब रोजाना डेढ़ हजार यात्रियों से अतिरिक्त पानी के लिए दाम वसूलेगा।

रेलवे ने पांच घंटे या उसके आसपास में यात्रा पूरी करवाने वाली शताब्दी ट्रेनों में यह नियम लागू किया है, जबकि राजधानी, वंदे भारत और तेजस एक्सप्रेस में अभी भी यात्रियों को एक लीटर की बोतल ही दी जा रही है। इसका शुल्क कैटरिंग चार्ज में शामिल होता है।

ठगा महसूस कर रहे यात्री
लखनऊ कानपुर पैसेंजर एसोसिएशन के एसएस उप्पल ने बताया कि यह यात्रियों से ठगी है। जब कैटरिंग चार्ज कम नहीं किया तो पानी की मात्रा कैसे कम कर सकते हैं। वहीं डीआरयूसीसी मेंबर संजीव कपूर ने कहा कि यह मामला रेलवे बोर्ड पहुंच गया है।