शिवपाल यादव की विधानसभा सदस्यता नहीं होगी रद्द, सपा ने लिखा पत्र
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले वर्ष 2016 में यादव परिवार में महाभारत की शुरुआत हुई थी. अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी पर एकाधिकार कर लिया. इसके बाद बयानबाजी का भी दौर चला था.
लखनऊ. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (Pragatisheel Samajwadi Party, Lohia) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) की विधानसभा सदस्यता को समाप्त करने के लिए पिछले निवेदन को रद्द करने की मांग सदन में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने की है. सूत्रों के मुताबिक, यूपी विधानसभा में समाजवादी पार्टी के नेता और सदन में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने शिवपाल यादव की विधानसभा सदस्यता को समाप्त करने के लिए दी समाजवादी पार्टी के पिछले निवेदन को रद्द करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख दिया है. फिलहाल इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. उधर, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने शिवपाल सिंह के सपा में शामिल होने की खबरों का जोरदार तरीके से खंडन किया है.
इस मामले में समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील सिंह साजन ने न्यूज18 से बातचीत में बताया कि सदन में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने जो पत्र लिखा है उन्हें उसकी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरा सुझाव है कि आप पत्र लिखने वाले रामगोविंद चौधरी से पक्ष लें.
अखिलेश ने कहा था- शिवपाल का घर में स्वागत
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यादव परिवार और समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के बाद अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के बीच सुलह की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं, लेकिन उसके बाद पहली बार यह संकेत मिले थे कि दोनों के बीच करीब तीन साल से चली आ रही तनातनी सुलझ सकती है. इसकी शुरुआत प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने ही की थी. कुछ दिनों पहले उन्होंने मैनपुरी में कहा था कि उनकी तरफ से सुलह की पूरी गुंजाइश है. इसके बाद अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि शिवपाल का घर में स्वागत है. अगर वे आते हैं तो उन्हें पार्टी में आंख बंद कर शामिल करूंगा.